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यूएन में फिलिस्तीन की सदस्यता पर अमरीका का वीटो

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने के प्रस्ताव पर अमरीका ने वीटो लगा दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अल्जीरिया ने यह प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर वोटिंग हुई। हालांकि, अमरीका के वीटो के बाद फिलिस्तीन यूएन का परमानेंट मेंबर नहीं सका। यूएनएससी में किसी प्रस्ताव को पारित करने के लिए कम से कम नौ सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी। 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीन के पक्ष में 12 वोट पड़े, जबकि ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड वोटिंग से दूर रहे। माना जा रहा था कि गाजा में हुई तबाही के बाद अमरीका प्रस्ताव पर वीटो नहीं करेगा, लेकिन अमरीका अपने स्टैंड पर बना रहा है और वीटो पावर का इस्तेमाल किया। यूएन में पूर्ण सदस्यता हासिल करने की फिलिस्तीन की यह दूसरी कोशिश थी।

इससे पहले 2011 में भी फिलिस्तीन को मेंबरशिप देने को लेकर यूएनएससी में वोटिंग हुई थी, लेकिन उस समय भी अमरीका ने प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था। इजराइली विदेश मंत्री इजराइल काट्स ने कहा कि कि एक शर्मनाक प्रोपोजल रिजेक्ट हुआ, आतंकवाद को पुरस्कृत नहीं किया जाना चाहिए। वहीं फिलिस्तीन अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अमरीका के वीटो की निंदा की है। अब्बास ने इसे गलत और अनैतिक कहा है। यूएन में मौजूद फिलिस्तीन के एंबेसेडर रियाद मंसूर ने कहा कि प्रस्ताव पास न होने से हमारे हौसले कमजोर नहीं पड़ेंगे। हम हार न मानते हुए फिलिस्तीन को सदस्यता दिलाने की कोशिश में जुटे रहेंगे।

अमरीका ने वीटो पर दी सफाई
फिलिस्तीन के परमानेंट मेंबरशिप वाले प्रस्ताव को वीटो करने पर अमरीका ने सफाई दी है। यूएन में अमरीका के प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने कहा है कि अमरीका भी टू स्टेट सॉल्यूशन चाहता है, लेकिन यूएन पूर्ण सदस्यता देने का स्थान नहीं है। फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा देने का सही तरीका इजराइल और फिलिस्तीन में सीधी बातचीत है। इस बातचीत में अमरीका और अन्य सहयोगी देश मदद करेंगे। हम चाहते हैं कि दोनों पक्षों में सीधे बातचीत के जरिए समाधान होना चाहिए।

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