निर्दाेष सगे भाइयों पर SC-ST और रेप के फर्जी मुकदमे दर्ज कराने वाले वकील को उम्रकैद व 5.10 लाख जुर्माना

लखनऊ। एससी-एसटी और रेप के फर्जी मुकदमे दर्ज करा लोगों को परेशान करने वाले वकील परमानंद गुप्ता को दोषी पाते हुए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने उम्रकैद व 5.10 लाख जुर्माना की सजा सुनाई है।
वकील परमानंद गुप्ता ने पत्नी के ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली महिला के अनुसूचित जाति के होने का फायदा उठाते हुए अपनी विवादित संपत्ति को हथियाने के लिए विपक्षी दो सगे भाइयों पर झूठा मुकदमा विभूति खंड गोमती नगर में पंजीकृत कराया था। जिसकी विवेचना तत्कालीन एसीपी राधा रमन सिंह ने की थी। परमानंद गुप्ता ने अपने विपक्षी अरविंद यादव और अवधेश यादव पर छेड़खानी, रेप और अपशब्द बोलने का आरोप लगाया था, जिस पर एससी/एसटी, रेप की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इसकी जांच चल रही थी।
रेप का आरोप लगाने वाली पूजा रावत गोरखपुर की मूल निवासी है, लखनऊ में रोजगार की तलाश में आई थी। पूजा रावत के अनुसार वह लखनऊ में परमानंद गुप्ता की पत्नी के ब्यूटी पार्लर में सहायक का काम करती थी। उसने निर्दाेष सगे भाइयों के खिलाफ मजिस्ट्रेट के समक्ष जो बयान दर्ज कराए हैं, वह सब परमानंद के कहने पर कराए हैं, जबकि उसके साथ वास्तव में ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई। पूजा रावत के इस बयान से मुकदमे की दिशा ही बदल गई।
पूजा रावत के बयान को ध्यान में रख कर पुलिस महकमे के काबिल पुलिस कर्मियों मनमीत शाह व अन्य ने मुकदमे के संबंध में जांच-पड़ताल की, जिसमें कोई भी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, कॉल डिटेल आदि विपक्षी अरविंद यादव और अवधेश यादव के खिलाफ नहीं पाए गए। मुकदमे में ट्रायल के दौरान यह भी पाया गया कि, एडवोकेट परमानंद गुप्ता ने कई फर्जी मुकदमे लोगों को परेशान करने के लिए पूजा रावत के माध्यम से और खुद के माध्यम से दर्ज कराए हैं। पूजा ने कोर्ट से अपील की कि उसे माफ कर दिया जाए। कोर्ट ने पूजा रावत को सख्त हिदायत देते हुए बरी कर दिया, लेकिन परमानंद को उम्रकैद की सजा सुनाई।