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मणिपुर हिंसा: संसद में नियम 267 के तहत चर्चा पर विपक्ष का हंगामा

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को राज्यसभा में मणिपुर घटनाक्रम पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने के मुद्दे पर विपक्ष विशेष कर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्य के हंगामे के कारण कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई और प्रश्नकाल नहीं हो सका। सुबह में दिवगंत सदस्यों को श्रद्धांजलि दिये जाने के बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी थी। इसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के सदस्यों राजमणि पटेल, डॉ़ लक्ष्मीकांत बाजपेई और श्रीमती संगीता यादव को जन्मदिन की शुभकामनायें दी। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही के लिए बनाये गये नये आठ पीठासीन उपभापतियों के नाम बताए।

इसके बाद श्री धनखड़ ने कहा कि नियम 167 के तहत कुल 12 नोटिस मिले हैं जिसमें तीन नोटिस रेलवे सुरक्षा, एक नोटिस बेरोजगारी को लेकर और आठ नोटिस मणिपुर हिंसा को लेकर मिले हैं। इसी दौरान सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार नियम 167 के तहत मणिपुर हिंसा पर अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है। श्री धनखड़ ने कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा पर अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है और इसके लिए नोटिस भी मिले हैं तो इस पर चर्चा करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री गोयल के साथ उनकी चर्चा हुयी थी और इसी पर सदन के नेता ने अपनी बात कही है। इस पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर हिंसा मामले पर नियम 267 के तहत भी नोटिस दिये गये हैं और इस पर इसी नियम के तहत चर्चा करायी जानी चाहिए। इस नियम में आज की पूरी कार्यवाही स्थगित कर चर्चा करायी जानी चाहिए।

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